
दावाह एक रुहानी संग्राम है।
मौलाना (क़) के वास्तविकताओं से, जैसा कि शेख़ नूरजान मीरअहमदी ने सिखाया है।
पनाह माँगता हूँ मैं अल्लाह की शैतान मर्दूद से,
शुरू अल्लाह का नाम लेकर, जो बड़ा मेहरबान, निहायत रहम वाला है।
औज़ु बिल्लाही मिनश शैतानिर रजीम बिसमिल्लाहिर रहमानिर रहीम वस्सलातू वस सलाम अला अश्राफ़िल मुरसलीन साय्यिदिना व मौलाना मुहम्मद अल मुस्तफ़ा (स) बि मददिकुम व नज़रिकुम साय्यिदि या रसूलुल करीम या साय्यिदि या सुलतानुल औलिया शेख़ अब्दुल्लाह अल-फ़ैज़ दाग़ेस्तानी (क़), सुल्तान शेख़ मुहम्मद नाज़िम अल-हक़्कानी (क़), व शेख़ हिशाम कब्बानी (क़), शेख़ अदनान कब्बानी (क़),शेख़ मुहम्मद आदिल (क़) व अब्दुल क़ालिक़ अल-ग़ूजदवानी (क़) बि मददिकुम व नज़रिकुम।
“अतिउल्लाह व अतिउर रसूल व उलिल अमरे मिनकुम।”
﴾أَطِيعُواللَّه وَأَطِيعُوٱلرَّسُولَ وَأُوْلِي الْأَمْرِ مِنْكُمْ… ﴿٥٩…
4:59 – “…Atiullaha wa atiur Rasula wa Ulil amre minkum…” (Surat An-Nisa)
“… अल्लाह की आज्ञा का पालन करो, और रसूल का कहना मानो और उनका भी कहना मानो जो तुममें अधिकारी लोग हैं …” (सूरत अन-निसा, ४:५९)
शैतान के ख़िलाफ़ सबसे भीषण हमला ज्ञान है।
और हमेशा अपने लिए एक अनुस्मारक, अना अब्दूकल आजीज़, व दाईफ, व मिसकीन, व ज़ालिम, व जहल, और अल्लाह (अज़्ज़ व जल) की कृपा की वजह से हम अभी भी अस्तित्व में हैं। और हमेशा की तरह मेरे लिए एक अनुस्मारक कि यह चीज़ें जो हम करते हैं वह शैतान (पिशाच) के ख़िलाफ़ एक युद्ध है। ये मनोरंजन नहीं हैं, हालांकि आप ढोल बजा रहे होंगे और इसका आनंद ले रहे होंगे और बाद में आने वाले कबाब के बारे में सोच रहे होंगे। लेकिन शैतान पर सबसे भीषण हमला ज्ञान है – ज्ञान का प्रचार, ज्ञान की तलाश, ज्ञान सिखाना। जहाँ अल्लाह (अज़्ज़ व जल) क़ुरान की उपाधि देता है, ‘रब्बानियून (तेजस्वी आत्माओं) की तरह होना, कि उन्होंने किताब सीखी और किताब को पढ़ाया।’
﴾وَلَـٰكِن كُونُوا رَبَّانِيِّينَ بِمَا كُنتُمْ تُعَلِّمُونَ الْكِتَابَ وَبِمَا كُنتُمْ تَدْرُسُونَ ﴿٧٩…
3:79 – “…wa lakin kono rabbaniyena bima kuntum tu`allimoonal kitaba wabima kuntum tadrusoon.” (Surat Ali-Imran)
“… तुम रबवाले आत्मा/वफ़ादार सेवक/उसके उपासक बनो, इसलिए कि तुम किताब की शिक्षा देते हो और इसलिए कि तुम स्वयं भी पढ़ते हो।” (सूरत अल-इमरान, ३:७९)
कलम तलवार से अधिक शक्तिशाली है।
इसका मतलब है कि शैतानी साम्राज्य पर सबसे बड़ा और भीषण हमला ज्ञान है। और उनके पास एक अभिव्यक्ति है कि ‘ज्ञान शक्ति है।’ और जब अल्लाह (अज़्ज़ व जल) सेवक पर सिफ़त अल-अलीम (सर्वज्ञ के गुण) प्रदान करना चाहता है, वहाँ क़दीर (शक्तिशाली) भी है – शक्ति का एक सागर जो सेवक को सुशोभित करेगा। इसका मतलब है कि ज्ञान की एक ज़बरदस्त वास्तविकता है। और उनके पास एक अभव्यक्ति है कि, ‘कलम तलवार से अधिक शक्तिशाली है।’ आपने तलवार से किसी को मारा और उसका अंत किया। फिर क्या फ़ायदा? तलवार से मारने के बाद आप उनके साथ क्या करने वाले हो? कुछ नहीं, वह चला गया। परन्तु वह ज्ञान जिसका आप प्रचार करते हैं और भेजते हैं और जो आप सिखाते हैं और जो सीखते हैं वह अनंत काल के लिए है। ‘मारना’ एक बार था, ज्ञान अनंत काल के लिए है। जिसने इसे सीख लिया और उस वास्तविकता से खाया और पिया उसने अपनी आत्मा को हमेशा के लिए सुशोभित किया।
औलिया ज्ञान के योद्धा हैं शैतानी साम्राज्य के ख़िलाफ़।
एक बार उन्होंने उस वास्तविकता को जान लिया और प्रचार का जीवन जिया प्रचार करती हुई टीम की तरह। एक बात कर रहा हो और उसके आसपास ५० या आसपास २० या उनके आसपास १० अच्छे रिजाल हैं और बुलडोज़र की तरह, वे हर जगह प्रचार करने जा रहे हैं। और जब वह ज्ञान बाहर जाता है, वह शैतानी साम्राज्य के ख़िलाफ़ एक भयंकर आक्रमण होता है। तो जब लोग शैतानी साम्राज्य को नहीं समझते हैं, वे नहीं समझते हैं उस वास्तविकता को जो नबी ﷺ ने इन शेखों को दी है। नबी ﷺ ने जो कुछ दिया है, वह उनके मनोरंजन के स्त्रोत के रूप में लोगों का मनोरंजन करने के लिए नहीं है, बल्कि उनके शैतानो से लड़ने के लिए है। और वे लोगों के शैतानो से कैसे लड़ते हैं? ज्ञान से क्योंकि ज्ञान आपको मुक्त कर देगा। ज्ञान में शक्ति है।
तो, इसका मतलब है कि हमारे लिए समकक्ष को समझने के लिए क्योंकि लोगों कि समझ कम हो सकती है, सोंचे कि यह एक साइड इश्यू है और शायद मस्जिद जाना एक बड़ी बात है। कहो, ‘ओह, मैं मस्जिद जाता हूँ। मैं शुक्रवार जुमाह के लिए जाता हूँ, यह कोई बड़ी बात नहीं है। लेकिन आपको पता है आपका ज़िक्र (स्मरण) जो आप लोग कर रहे हैं यह कम महत्व का हो सकता है।’ नहीं, आप नहीं समझ रहे हैं कि क्या हो रहा है। ये इस्लाम के महान योद्धा हैं। और शेख़ और ज्ञान का प्रचार करने वाले मुजाहिद (जो अल्लाह (अज़्ज़ व जल) की राह में संघर्ष करते है) कहलाते हैं। ये अल्लाह (अज़्ज़ व जल) के योद्धा हैं और उनका युद्ध शैतानों के विरुद्ध है।
उन लोगों से सावधान रहें जो आपको आपके विश्वास से विचलित करने के लिए धर्म का उपयोग करते हैं।
और उनका कलाम (शब्द) जो नबी ﷺ ने उन्हें दिया है, वे साय्यिदिना मुहम्मद ﷺ के कलम हैं। उनकी ज़ुबान, उनकी आत्मा, उनके ज्ञान की विशाल वास्तविकता है जो शैतानी साम्राज्य के ख़िलाफ़ एक कोड़े और एक हथियार हैं। और हमारे लिए यह समझने के लिए कि …हर क्षेत्र, हर वातावरण, हर घर जिस में वे इस संदेश के साथ पहुँचने की कोशिश कर रहे हैं, इसे देखें एक शहर की तरह, एक शहर जिसमें वे प्रवेश करने वाले हैं। उनके लिए वह शहर शैतानी शिक्षाओं की घेराबंदी में है, जिनमें से अधिकांश मुस्लिम हैं। यह मत सोचिए कि ईसाई या यहूदी या अन्य धर्मों की शिक्षा आपके लिय ख़तरनाक है। यह आपकी अपनी जाती से है जो आपके लिए सबसे ख़तरनाक है। यह पाखंड के सागर से है जहाँ अल्लाह (अज़्ज़ व जल) सूरत अल-मुनाफिकूंन में वर्णन करता है, ‘वे अपने कलिमाह (गवाही/शब्द) का प्रयोग करते हैं। वे अपने दीन (धर्म) का उपयोग एक ऐसे साधन के रूप में करते हैं जिससे आपको आपके विश्वास से विचलित किया जा सके।’
﴾اتَّخَذُوا أَيْمَانَهُمْ جُنَّةً فَصَدُّوا عَن سَبِيلِ اللَّـهِ ۚ إِنَّهُمْ سَاءَ مَا كَانُوا يَعْمَلُونَ ﴿٢
63:2 – “Ittakhazoo aymaanahum junnatan fasaddoo ‘an sabeelil laah; innahum saaa’a maa kaanoo ya’maloon.” (Surat Al-Munafiqoon)
“उन्होंने अपनी क़समों को ढाल (उनके कुकर्मों के लिए) बना रखा है: इस प्रकार वे अल्लाह के मार्ग से रोकते हैं: निश्चय ही बुरा है जो वे कर रहे हैं।” (सूरत अल-मुनाफिकून, ६३:२)
झूठी शिक्षा के तहत लोगों पर अत्याचार किया जाता है।
उनकी लड़ाई अविश्वासियों के साथ नहीं है, उनकी लड़ाई विश्वासियों के साथ है। और सभी इमाम (धार्मिक नेता) और शिक्षकों ने झूठी दीवारों और ग़लतफ़हमियों को स्थापित किया है, सब कुछ कठिन और इतना सूखा बना दिया है कि लोग दीन छोड़ देंगे। लेकिन क्योंकि यह अल्लाह (अज़्ज़ व जल) का दीन है, लोग अभी भी आ रहे हैं। उस शिक्षा के परिणामस्वरूप नहीं, बल्कि इसलिए कि अल्लाह (अज़्ज़ व जल) चाहता है। इसलिए जब हम समझते हैं, उनकी शिक्षाओं से एक शहर की घेराबंदी की गयी हुई है।
वे कहते हैं, ‘मौलीद, नहीं। साय्यिदिना मुहम्मद ﷺ के प्रति प्रेम, यह क्या शब्द है, प्रेम? नहीं!’ वे केवल एक विश्वकोश से पढ़कर कहना चाहते हैं, ‘बस। केवल आप शुक्रवार के लिय आएँ।’ इसलिए मानो नगर में शहरपनाह है, और भीतर लोग उत्पीडित हैं। वे उस शिक्षा के तहत उत्पीडित हैं। जब साय्यिदिना मुहम्मद ﷺ से आदेश आता है कि, ‘उनकी घेराबन्दी करो।’ इसलिए, आधुनिक समय के आध्यात्मिक युद्ध को समझना होगा। इसका मतलब है कि वे उस शहर, उस घर, उस वातावरण पर अपनी नज़र (निगाह) डालना शुरू कर देते हैं और वे अपने तोपों को लांच करने लगते हैं।
वास्तविक मार्गदर्शकों की शिक्षाएँ आध्यात्मिक युद्ध के हथियार हैं।
उनकी पहली तोप, हमारी समझ के लिय, उनका मीडिया है। जब वे एक विडीओ बाहर भेजते हैं, ऐसा लगता है कि एक बड़ी तोप उस शहर पर चलाई जा रही है। विशाल! यह अल्लाह (अज़्ज़ व जल) के सभी समर्थन के साथ बाहर आ रहा है, साय्यिदिना मुहम्मद ﷺ के पूरे समर्थन के साथ। हर स्वर्गदूत और मलाएका (फ़रिश्ते) उस हथियार को बाहर निकाल रहे हैं। वह विडीओ बाहर जाता है और उस शहर की दीवार से टकराता है, और दीवार से टकराता है, और दीवार से तब तक टकराता है जब तक की वह देखने वाले लोगों के घरों और दिलों में प्रवेश करना शुरू नहीं कर देता।
तो यह कोई छोटी बात नहीं है। लेकिन क्योंकि लोगों की समझ अब छोटी हो गयी है और उनके संदर्भ निशाने से दूर हैं, वे समझ नहीं रहे हैं कि इन औलिया (संतो) का क्या काम है और इन औलिया के छात्र क्या काम कर रहे हैं। तो, यह ज्ञान जो उन्होंने झूठे ज्ञान के रूप में स्थापित किया है; उन्होंने लोगों को इस झूठे ज्ञान के साथ लपेट लिया और पकड़ लिया है। जब साय्यिदिना मुहम्मद ﷺ का आदेश आता है कि, ‘जाओ।’ ‘हिट’ की पहली पंक्ति फिर उनके विडीओ हैं। वे घेराबंदी शुरू कर देते हैं और अपने विडीओ को हर उस चीज़ पर मारते हैं जिस पर शैतान ने दीवार खड़ी कर दी है। इसका मतलब है कि यह हिट करना शुरू कर देता है। आपको केवल एक व्यक्ति की ज़रूरत होती है देखने और कहने के लिए कि, ‘ओह, मैंने इस तरह की बातें तो पहले कभी नहीं सुनीं। आपने उनके दिल पर चोट की। आप गए और, ‘बैम’ आपने मारा।
आध्यात्मिक युद्ध ध्वनि और दृष्टि पर आधारित है, शिला और पत्थरों पर नहीं।
सब कुछ जो शैतान ने अवरुद्ध कर दिया है और, ‘इन चीज़ों को मत देखो, इन चीज़ों को मत जाओ। इन चीज़ों को मत समझो।’ लेकिन हमें समझने के लिए क्योंकि हर कोई ‘एर्तगरुल’ और ये सभी फ़िल्में देख रहे हैं और सब कुछ ग्लैमराइज कर रहे हैं। और हर दिन यह अभी हो रहा है। और ये शेक़ मुजाहिद हैं और अल्लाह (अज़्ज़ व जल) के बड़े योद्धा हैं। और उनके साथ पढ़ने वाले सभी लोग अल्लाह (अज़्ज़ व जल) के बड़े योद्धा हैं क्योंकि युद्ध ध्वनि और दृष्टि पर आधारित है। यह लोगों पर शिला और पत्थर फ़ेकने पर आधारित नहीं है। आपने दीवार देखी। वे वार करते हैं। विडीओ बाहर जाता है और मिटा देता है क्योंकि यह साय्यिदिना मुहम्मद ﷺ के हक़ (सत्य) से भरा है। और अल्लाह (अज़्ज़ व जल) वर्णन करता है, ‘जब यह हक़ आता है, यह उनके सभी झूठों को मारता है।’
﴾وَ قُلْ جَآءَالْحَقُّ وَزَهَقَ الْبَطِلُ، إِنَّ الْبَطِلَ كَانَ زَهُوقًا ﴿٨١
17:81 – “Wa qul jaa alhaqqu wa zahaqal baatil, innal batila kana zahoqa.” (Surat Al-Isra)
“कह दो, सत्य आ गया और असत्य मिट गया। असत्य [स्वभाव से] तो अनित्य/मिट जानेवाला ही होता है।” (सूरत अल-इसरा, १७:८१)
हमारी अत्माएं सत्य में रची गई थीं, शैतान हम पर असत्य डालता है।
और उनका झूट कुछ ऐसा नहीं है जो उसके सामने खड़ा हो सके – लड़ाकू या आक्रामक लोगों का मुह नहीं, यह वह नहीं है जिसके बारे में हम बात कर रहे हैं। हम ऐसे लोगों को डिलीट कर देते हैं और उन्हें वैसे भी ब्लॉक कर देते हैं। लेकिन सच्चाई का कोई भी दाना जब इसे मारता है और इसे सुनता है, तो उनके दिल सहमत होते हैं, ‘यह हक़ है। यही मेरा दिल समझ रहा है। मेरा दिल और आत्मा साय्यिदिना मुहम्मद ﷺ के उपस्थिति में थे।’
इससे पहले अल्लाह (अज़्ज़ व जल) हमें इस परित्यकत भूमि पर भेजा, हम जन्नत में थे। यह वह वास्तविकता जानता है। यह सल्तनत (साम्राज्य) जानता है। जब यह इन सलवात (प्रशंसा) और नशीदों को सुनता है, इन शिक्षाओं को सुनता है, तो वह अपने बादशाह को याद करता है। अल्लाह (अज़्ज़ व जल) कहता है, ‘मैंने तुम्हें सत्य में रचा है, मैंने तुम्हें सत्य की खोज के लिए झूठ में नहीं बनाया है। मैंने तुम्हें सत्य में रचा है। तुम सच जानते थे। शैतान ने तुम पर झूठ फैलाया है।’
मुहम्मदन वे ऐप के साथ अपने आप को मुक्त करें।
जब वह ज्ञान आता है, तो वह मारता है। अब वह शहर की दीवारें ढह रही हैं। आपके दिल की दीवारें ढह रही हैं, आपके घर की दीवारें ढह रही हैं। फिर वह बल क्या करता है? वे शहर के अंदर आते हैं क्योंकि शहरपनाह ही उनकी सुरक्षा थी। और जैसे ही वे अंदर आते हैं, वे किसके साथ आगे बढ़ रहे हैं? उनके पैदल सैनिक। वे अंदर आ रहे हैं और अपने ऐप का प्रचार कर रहे हैं, ‘ऐप डाउनलोड करें, ऐप प्राप्त करें, ऐप प्राप्त करें।’
क्या आपने नहीं देखा कि जब वे किसी शहर पर हिट करते हैं तो वे ऊपर आ जाते हैं और वे अपने फ़्लायर हर घर में भेजना शुरू कर देते हैं? ‘तुम आज़ाद हो, तुम मुक्त हो। विद्रोह में शामिल हो जाओ।’ आप नहीं देखते। लोग इसे एक साथ नहीं रखते हैं और नहीं समझते हैं कि क्या हो रहा है। जब लोग शैतान और दज्जाल (छल की व्यवस्था) की सेनाओं के अधीन हैं, जो हर जगह है, जैसे ही वे इन विडीओ के साथ मुक्त करते हैं, तो उनकी ज़मीनी सेना यह कह कर चल रही है, ‘ऐप ले लो, ऐप प्राप्त करो, ऐप प्राप्त करो, ऐप प्राप्त करो।’ क्यों? क्योंकि ये सभी सुल्तानुल औलिया की दुआएं (प्रार्थनाएँ) हैं।
प्रत्येक स्वर्गीय शिक्षा में आपकी आत्मा पर अपार शक्ति है।
यह सभी दुआएं (प्रार्थनाएँ) और सलवात (प्रशंसा) हैं और वह सब कुछ जो वे चाहते थे कि आप पढ़ें। यह आपके जीवित रहने की क्रियावली बन जाएगी। यदि आप इसे हिफ़्ज़ कर पाते हैं तो यह आपके लिए बड़ी अच्छी बात है। अगर आप नहीं कर पाते हैं, तो यह सबसे बड़ा उपकरण है जिसकी आपको इन कठिनाइयों में आवश्यकता होगी। और जैसे जैसे ज़्यादा कठिनाइयाँ आती हैं, वे अधिक दुआएं, अधिक सलवात, हर चीज़ में अधिक जोड़ते जाएँगे। फिर वे क्या लेकर आते हैं? फिर वे आते हैं फ़्लायर के साथ, वे आते हैं वेबसाइटों के साथ, वे आते हैं ज्ञान के साथ – क्यों? क्योंकि हर कलाम (शब्द) जो आप उनकी शिक्षा से पढ़ते हैं, साय्यिदिना मुहम्मद ﷺ के दिल से है, भले ही आपने सिर्फ़ बा सिखा हो।
फिर बा क्या है? इसमें ‘बिस्मिल्लाहिर रहमानिर रहीम’ की शक्ति है। इसमें सूरत अल-फ़ातिहा को खोलने की संपूर्ण शक्ति है। पवित्र क़ुरान को संपूर्ण खोलने की। बाहरूल क़ुद्रा (शक्ति का सागर) का हर महासागर – बस उनकी शिक्षाओं से बा कहने से आपकी आत्मा पर शक्ति है। हर लेख जो आप उनका पढ़ते हैं, हर वीडियो जो आप उनका सुन रहे हैं यह आपकी आत्मा को तैयार कर रहा है। पाँच मिनट – यूट्यूब पर उनकी बातचीत सुनें। उन्हें देखें। उनसे पढ़ें। उनसे सीखें। वे आपकी आत्मा को पकड़ लेते हैं और उस वास्तविकता के सागर में चले जाते हैं क्योंकि वह सत्य की वास्तविकता है। सत्य अनन्त है, उसका कोई समय नहीं है और उसकी वास्तविकता में कोई अंत नहीं है और कोई सीमा नहीं है। और उनके साथ हर कोई विशाल योद्धा है।
हर ध्वनि एक ऊर्जा को नियंत्रित करती है जो सृष्टि पर प्रकट होती है।
यह ध्वनि का युद्ध है, कि हर धवनि जो एक ऊर्जा को नियंत्रित करती है। वह ऊर्जा नियंत्रित करती है कि कैसे लोग प्रकट हो रहे हैं। यदि आप नहीं समझते हैं, जो लोग यह बहुत बुरी आवाज़ों को सुनते हैं, बहुत ख़राब आवाज़ों को, हर शब्द एक शाप शब्द है, हर शब्द एक शाप शब्द है। अब देखें उनकी त्वचा पर क्या प्रकट हो रहा है। यह कहाँ से आया है? हर महिला नाविक की तरह दिखती है। क्यों? देखें वे पूरा दिन क्या गा रहे हैं, गा रहे हैं, गा रहे हैं, गा रहे हैं, हर भयानक शब्द, शब्द, शब्द।
वह ध्वनि ऊर्जा क्यों पैदा कर रही है? वह ऊर्जा उनपर एक अभिव्यक्ति बना रही है। इतना कि यह वास्तव में उन पर शारीरिक रूप से प्रकट होने लगती है और वे अपनी रचना को बदल देते हैं। अल्लाह (अज़्ज़ व जल) ने आपको पवित्र और शुद्ध बनाया है और सुंदर रोशनी डाला है और आप यह गंदी स्याही अपनी पूरी त्वचा पर, अपने चेहरे पर और अपने पूरे शरीर पर डालते हैं यहाँ तक कि आप पहचाने नहीं जाते। और वहाँ सबूत है कि उस ध्वनि ने उस व्यक्ति को बदल दिया है। उनकी भीतर की वास्तविकता और उनके दिल को बदलना तो एक तरफ़, उनकी सारी कार्यक्षमता और मानवता उनके द्वारा बनाई गयी हुई ध्वनि के साथ बदल गयी। और वह है शैतानी सेना। यह कोई संयोग नहीं है।
शैतान लोगों की निष्ठा ले रहा है।
शैतान की सेना के पास बड़े कार्यक्रम हैं; २००,००० लोग शैतान की सेना में उपस्थित होते हैं। और वे हाथ उठाते हैं आग और विदियों के साथ और कहते हैं, ‘वू,’ और शैतानी सेनाओं के प्रति अपनी निष्ठा देते हैं। उनके सभी लय के साथ, आपको लगता है यह इत्तिफ़ाक़ है? वे उनके हाथ हिला रहे हैं, वे उनके हाथ बायाह (प्रतिज्ञा/निष्ठा) के लिए उठा रहे हैं। शैतान जानता है वह उनके साथ क्या कर रहा है।
अल्लाह (अज़्ज़ व जल) की सेनाएं पैग़म्बर मुहम्मद ﷺ के संदेश का प्रचार करती हैं।
फिर आप अल्लाह (अज़्ज़ व जल) की सेना की कल्पना कीजे। “जैश अल-मंसूर,” अल्लाह (अज़्ज़ व जल) की विजयी सेनाएँ, वे नशीदों के पढ़नेवाले हैं। प्रत्येक सस्वर पाठ, हर एक ज़िक्र, हर सलवात एक प्रकाश और एक ऊर्जा है जो लोगों की तरफ़ आगे बढ़ने लगते हैं। वह उनके दिल से टकराते हैं, उनकी आत्मा से टकराते हैं, उनके नफ़स (अहंकार) से टकराते हैं। उनके सभी सस्वर पाठ और दुआ के साथ और शेखों के उपस्थती से हर ऊर्जा को वास्तविक बनाती है और लोगों को अंदर से आग लगाना शुरू कर देती है ताकि उनके पास ऊर्जा आ जाए और अंदर से शैतान को जलाना शुरू कर दें, बुरे अहंकार को अंदर जला दें। और यह तब उनके युद्ध की आध्यात्मिक समझ है। उनके वीडियो जो सामने आते हैं, वो कोई छोटी बात नहीं है। वे खेल के मैदान के पूरे वातावरण को बदल देते हैं।
अब देखिए, हर उलेमा (विद्वान) के पास परिवेशि ध्वनि है और अच्छे स्वर में बोल रहे हैं, पृष्ठभूमि में कुछ छोटे दिल तैर रहे हैं। यहाँ तक कि कठिन वक्ता, जो कहते हैं ‘ओह, सब कुछ हराम (माना किया हुआ) है, मौलीद हराम है।’ मैंने देखा उसके पास एक विडीओ था जिसमें छोटे से दिल तैर रहे थे, पीछे परिवेशि ध्वनि में सलवात चल रहे थे। यह नहीं मारा? हाँ, यह आया और उनके झूठ पर प्रहार किया। आपकी शिक्षा झूठी थी। आपने उसे झूठ से भर दिया, तो हक़ आ कर कहता है, ‘इसे सुंदर बनाओ। अगर यह साय्यिदिना मुहम्मद ﷺ का उल्लेख करने जा रहा है, तो इसे सुंदर बनाओ। इसे सुगंधित बनाओ। जैसा अल्लाह (अज़्ज़ व जल) चाहता है, उसे सुंदर बनाओ।’ और आपने देखा अब सारा माहौल बदल रहा है। यह उनका युद्ध था। “शदीदुल क़ूवा,” जब अल्लाह (अज़्ज़ व जल) कहता है कि, ‘वह किसी बहुत शक्तिशाली व्यक्ति द्वारा समर्थित है।’
﴾وَمَا يَنطِقُ عَنِ الْهَوَىٰ ﴿٣﴾ إِنْ هُوَ إِلَّا وَحْيٌ يُوحَىٰ ﴿٤﴾ عَلَّمَهُ شَدِيدُ الْقُوَىٰ ﴿٥
53:3-5 – “Wa ma yantiqu ‘anil hawa. (3) In huwa illa wahyun yooha. (4) ‘Allamahu shadeedul Quwa. (5)” (Surat An-Najm)
“और वह तो (नबी ﷺ) अपनी नफ़सियानी ख़्वाहिश से कुछ भी नहीं कहते (३) ये तो वही है जो भेजी जाती है (४) इनको निहायत ताक़तवर ने तालीम दी है (५)” (सूरत अन-नज़्म, ५३:३-५)
शैतान नहीं चाहता है कि आप वास्तविकता के लोगों के सात बैठें।
उनका आध्यात्मिक युद्ध चारों ओर की हर चीज़ के क्षितिज को बदल देता है। अगर आपके पास देखने के लिए आँखें हैं, आप देखेंगे कि कैसे उन सभी उलेमा (विद्वान) ने अपने विडीओ बदल दिए, कैसे वे अपनी बात करने की शैली को बदलना शुरू कर देते हैं। उन्हें किसी को श्रेय नहीं देना है, बस अगर आपके पास देखने के लिए आँखें हैं, तो आप कह सकते हैं, ‘देखो, परिद्र्श्य बदल गया है।’ वहाँ एक तशरीफ़ (मान सम्मान) और एक इहतीराम (आदर) है।
अब उनके पाठ, उनके ज़िक्र और उनके सलवात से शक्ति की कल्पना करें – लोगों के दिल के भीतर जाकर हर झूठ को और उनकी नफ़्स को मिटा देता है और उन्हें बदलना शुरू कर देता है। तो यह कोई छोटी बात नहीं है। यह ऐसी चीज़ नहीं है जिससे आप दूर चले जा सकते हैं। यह कुछ ऐसा है जिस पर शैतान लगातार हमला कर रहा है, ‘उनके साथ मत बैठो। उनके साथ मत पढ़ो। साय्यिदिना मुहम्मद ﷺ की सेना का हिस्सा मत बनो। जाओ और अकेले बैठो ताकि आपको अपना कोई लाभ ना हो और ना ही आप से किसी और को कोई लाभ हो।’ और यही ख़तरा है।
आध्यात्मिक संग्राम में शामिल हो और सच्चे ज्ञान को फैलाओ।
यह एक मनोरंजन समूह नहीं है जहाँ आप सोचते हैं ओह, यह आपकी नफ़्स है और आप नहीं आते हैं और आप भाग नहीं लेते हैं। यह साय्यिदिना मुहम्मद ﷺ के लिए लोगों के दिलों और आत्मा तक पहुँचने का काम है। यह पृथ्वी पर सबसे बड़ा महानतम संग्राम है। यह खेलने का मैदान नहीं है। वे हज़ारों में लोगों को पकड़ रहे हैं और उन्हें इसका श्रेय नहीं मिलता है। श्रेय का कोई महत्व नहीं है। तथ्य यह है कि जो उनके दिल को छूता है वह उन्हें बदल देता है और वे उस नियति पर जाते हैं जिसके साथ अल्लाह (अज़्ज़ व जल) चाहता है वे रहें।
तो यह कोई छोटी बात नहीं है। जब आप देखते हैं कि व्यूज़ हैं ५०,०००, ६०,००० – ५०,००० तीर चलाए गए। जहाँ अल्लाह (अज़्ज़ व जल) उनके साथ गया, यह अल्लाह (अज़्ज़ व जल) पर निर्भर है। इसलिए यह कोई छोटी बात नहीं है। आप सत्य के तीर चला रहे हैं। वे इसे चलाते हैं और वह निशाने पर लगते हैं। वे सलवात भेजते हैं और वह प्रहार करते हैं। वे एक विडीओ डालते हैं और वह प्रहार करता है। यह कोई मनोरंजन नहीं है जहाँ आप कहते हैं, ‘मैं घर पर रहूँगा और मैं ऐसा नहीं करूंग़ा।’ यह ऐसा है जैसे आप युद्द के लिए नहीं आए और शेख़ को अकेला छोड़ दिया। यज़ीद की तरह। इसमें कोई अंतर नहीं है।
आप आए थे अहलुल बैत (नबी ﷺ का पवित्र परिवार) के साथ रहने के लिए और अहलुल बैत को कभी ना छोड़ कर जाने के लिए। और निश्चित रूप से उन्हें अकेले मत छोड़ें। हम इमाम अल-महदी (अलैहिस सलाम) की प्रतीक्षा कर रहे हैं जो इमाम अली (अलैहिस सलाम) के पोते हैं, जो इमाम हुसैन (अलैहिस सलाम) के पोते हैं। अगर आपको समझ नहीं आ रहा है कि कौन आ रहे हैं और किसका परिवार आ रहा है, तो आप यह भी नहीं समझ रहे हैं कि आप क्या कर रहे हैं। और आप वह कभी नहीं छोड़ते, आप उन्हें कभी नहीं छोड़ते। हम प्रार्थना करते हैं कि अल्लाह (अज़्ज़ व जल) सभी को इस बात की समझ दें कि क्या आ रहा है और क्या किया जा रहा है।
साय्यिदिना मुहम्मद ﷺ की मुहब्बत से लोगों का दिल और दिमाग़ जीतें।
और शैतान इस व्यवस्था के कितना घोर विरुद्ध है। शैतान को उत्तेजित करने के लिए आप कुछ नहीं कर सकते। आप लोगों की पिटाई करने नहीं जाते। आप लोगों को मारने के लिए इधर उधर नहीं जाते। इससे कुछ नहीं होगा। शैतानी साम्राज्य के ख़िलाफ़ सबसे बड़ा हथियार ज्ञान है। और ज्ञान का प्रचार, इसलिए कलम तलवार से अधिक महत्तर है। और प्रेम और मुहब्बत से लोगों का दिल और दिमाग़ जीतना है। यह कोई छोटा मिशन नहीं है। कोई बस इंटरनेट पर बैठ कर चिल्ला रहा है – इससे कुछ नहीं होने वाला है। यह किसी को बदलने वाला नहीं है और किसी को सूचित करने वाला नहीं है। सब कुछ प्यार और इहतीराम (सम्मान) के साथ किया जाना चाहिए जैसे कि आप साय्यिदिना मुहम्मद ﷺ के उपस्थिति में हैं। अगर आप उन प्रेमियों में से एक हैं, तो निश्चित रूप से आप साय्यिदिना मुहम्मद ﷺ के उपस्थिति में हैं।
दिव्य ज्ञान के मार्ग का समर्थन करें – यह आपकी आत्मा पर एक शाश्वत पोशाक बन जाता है।
हम प्रार्थना करते हैं कि अल्लाह (अज़्ज़ व जल) हमें वास्तव में क्या किया जा रहा है इसकी अधिक से अधिक समझ दें और अल्लाह (अज़्ज़ व जल) हमें समर्थन भेजें। जब भी हम एक क़दम आगे बढ़ाने की कोशिश करते हैं, शैतान पैर पीट रहा होता है और सभी को दो क़दम पीछे ले जाने के लिए मजबूर करता है। और उस वास्तविकता का समर्थन अपार है। जब हम आपसे दावाह के समर्थन के लिए और इस्लाम का संदेश और साय्यिदिना मुहम्मद ﷺ के प्रेम का संदेश प्रचार करने के लिय समर्थन माँगते हैं, तो वे कम मात्रा में देते हैं और कहते हैं, ‘इस दावाह के लिए आप यह छुट्टे पैसे रख लिजे।’ यह वह नहीं है – यह एक वास्तविकता है जिसकी आप कल्पना नहीं कर सकते। जो कोई भी ज्ञान और दिव्य ज्ञान के मार्ग में भाग लेता है, फ़रिश्ते उस सेवक के सुशोभित होने के लिए और आशीर्वाद के लिए प्रार्थना करते हैं। पूरे समय वे उस ज्ञान को प्राप्त करते हैं। हर ज्ञान जो आप इससे सीखते हैं या इसका प्रचार करते हैं, वह एक जारियाह बन जाता है, वह आपके आत्मा के लिए एक शाश्वत पोशाक बन जाता है। इसकी वस्तविकताओं में इसकी विशालता है। हम प्रार्थना करते हैं कि अल्लाह (अज़्ज़ व जल) हमारा समर्थन करें और अधिक से अधिक प्रेमियों और आशिक़ीन को उस संदेश की ओर भेजें।
Subhana rabbika rabbal ‘izzati ‘amma yasifoon, wa salaamun ‘alal mursaleen, walhamdulillahi rabbil ‘aalameen. Bi hurmati Muhammad al-Mustafa wa bi siri Surat al-Fatiha.
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सुहबा की मूल तारीख: १६ जुलाई, २०२०
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